नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
सुजीत 8 बजे सुबह घर से ऑफिस के लिए निकला, उनकी श्रीमती मधु ने आवाज लगाई : – प्याज के साथ हरा मिर्च भी डाल दिया है टिफिन में, दो रोटी और राजमा भी।
आज कल खाया नहीं जा रहा था सुजीत से दो रोटी भी।
पिछले कुछ दिनो से सुजीत गुमसुम बैठा रहता था, आवाज लगाने पर ठीक से जवाब भी नही दे पाता।
मधु:- आज कल आप ठीक से बात नहीं कर रहे है, एक मोबाइल नंबर आपका हमेशा बंद रहता है।
सुजीत :- सब ठीक है, प्राइवेट नौकरी में थोड़ा काम का दवाब है बस।
मधु :- अच्छा ठीक है, चलो खाना खा लेते है।
रात्रि 9 बजे की बात थी।
नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
सुजीत की नई नई शादी हुई थी, नोएडा के सेक्टर 83 में रहता था। वही पर किसी अच्छी आईटी कंपनी में कार्यरत थे। घर में स्मार्ट टीवी, अच्छे दर्जे के फ्रिज, स्प्लिट एसी, दो कमरों का रूम…… दसवें माले से ऐसा लगता हो , स्वर्ग से खड़ा होकर दिल्ली और गाजियाबाद को निहार रहा हो।
एचआर ने ईमेल कर दिया कि यूएसए में हेड ऑफिस बंद रहेगा कॉविड 19 के कारण, इसलिए आगे कुछ दिनों के लिए नोएडा का ऑफिस भी बंद रहेगा।
सुजीत कि तनख्वाह पिछले तीन महीने से बकाया था, इसी बीच लॉकडाउन लगना जैसे मानो आफत की पुड़िया हो। पिछले तीन महीने से क्रेडिट कार्ड का बकाया भुगतान वह चुका नहीं पा रहा था, जिसके कारण वह परेशान था।
सुजीत मन ही मन बोला :- यह आफत भी अभी आना था।
उत्तरप्रदेश के वाराणसी के रहने वाले सुजीत अपने माता पिता के इकलौता संतान थे। चालीस बीघा जमीन इस बात का सूचक था कि घरवालों ने जमीन को बचा कर रखा था बेचा नहीं था पुस्तैनी जमीन। वाराणसी में उनका पुस्तैनी मकान भी था , घर पर नौकर चाकर भी थे।
नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
चलो घर चलते है:- सुजीत ने मधु से कहा, वहा आराम रहेगा।
नहीं नहीं, नोएडा ही ठीक है:- मधु ने जवाब दिया ।
मै कुछ कंटेंट लिख दूंगी, दो पैसे मिल जायेंगे, नोएडा ही ठीक है। सुबह सुबह बालकनी में खड़े होकर बात कर रहे थे दोनो।
सुजीत ने दूसरा मोबाइल नंबर जैसे ही चालू किया , लगातार घंटी बजने लगी। लगातार अलग अलग लैंडलाइन के साथ साथ अलग अलग मोबाइल नंबर से। सुजीत और परेशान होने लगा, हाथ मलने लगे, मांथे से पसीने कि बूंदे टपकने लगी।
हिम्मत करके सुजीत ने फोन उठाया :- हेलो, कौन?
मै राकेश एसबीआई बैंक से बोल रहा हूं।
बोलिए :- सुजीत ने कहा।
नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
राकेश :- …गाली के साथ… पैसे लेते वक्त आंनद आ रहा था , अब चुकाता क्यो नही ? तेज आवाज में ।
सुजीत:- अभी तनख्वाह नही .. मिली…। घबराएं हुए।
बीच में रोकते हुए राकेश:- आपके घर पर अभी पुलिस जा रही है। अपने आप को बैंक से कहने वाले व्यक्ति ने तेज आवाज में बोला।
शादी के बाद सुजीत ने नोएडा में घर किराए पर लिया था और घर के लिए सभी समान क्रेडिट कार्ड से खरीदा था। इसी बीच उनके मम्मी पापा एक महीने रह कर गए थे। मम्मी पापा दोनो खुश थे कि मेरा बेटा सेटल हो गया, अब अपनी घर गृहस्थी चला लेगा।
पुलिस के नाम सुनते ही सुजीत के हाथ पैर फूलने लगे। उसके मन में तरह तरह के अनेकों विचार आने लगे। पुलिस मेरे घर तक आ जायेगी तो सोसाइटी में कैसे मुंह दिखाऊंगा ? पुलिस थाना जाना पड़ेगा? जेल जाना पड़ेगा? मम्मी पापा से क्या कहूंगा ? रिश्ते नाते में मेरी क्या इज्जत रह जायेगी?…….? ऐसे अनेके सवाल घूमने लगे दिमाग में।
मै भी पुलिस के साथ हूं :- अपने आप को राकेश एसबीआई का एमोलॉय कहने वाला व्यक्ति ने कहा। …….कुछ ऐसे शब्द भी इस्तेमाल किया जिससे लगा की सुजीत का दिमाग का नश जाम हो रहा हो।
बालकनी को स्वर्ग समझने वाला सुजीत को समझ नही आ रहा था कि क्या करू?
उसने मोबाइल कॉल को कट कर दिया।
फिर से मोबाइल कि घंटी बजने लगी। जैसे जैसे मोबाइल बजता, उसका दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। पुलिस, थाना, बेइजती, इज्जत , मम्मी पापा…ना जाने क्या क्या विचार पनपने लगा।
मोबाइल कॉल को फीर से कट कर दिया सुजीत ने।
नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
पुनः मोबाइल की घंटी बजने लगी। ऐसा लगा मानो वह अब बालकनी से छलांग लगा कर , अपने आप को समाप्त कर लेगा। उसके आंखे लाल हो चुकी थी, माथे से पसीने की टपकती बूंदे बहुत कुछ कह रही थी उसके बारे में। ऐस लग रहा था धमनियों ने खून का प्रवाह बंद कर दिया हो।
यह क्रम पिछले तीन महीने से चल रहा था । महीना बदलते ही कुछ दिनों बाद अलग अलग लोगो का कॉल आना, उनका धमकाना…और सुजीत का प्रेशर के साथ मुकाबला करना। लेकिन अब तो ऑफिस भी बंद, पूरे दिन घर पर ही रहना है, अब सुजीत को सूझ नही रहा था कि क्या करू?
लेकिन आज जैसे लग रहा था सुजीत इस कहानी का अंत सोच रहा था अपने आप को खत्म करके।
तभी मधु ने कंधे पर हाथ रखा :- चाय पीनी है।
मधु ने वकालत कर रखी थी, बच्चो को एलएलबी एंट्रेंस एग्जाम पढ़ाने के साथ साथ आर्टिकल भी लिखा करती थी। पिछले कुछ दिनों से सुजीत को अकेला नहीं छोड़ती थी। उसको एहसास था कि सुजीत कुछ छिपा रहा है।
सुजीत कि हालत देख कर मधु भांप गई।
तभी मोबाइल कि घंटी बजी :- हेलो, हेलो.. इस बार मधु ने रिसीव किया।
सामने से औरत की आवाज सुनकर राकेश बोला:- मुझे, सुजीत से बात करनी है, आप कौन?
मै उनकी पत्नी बोल रही हूं:- मधु ।
सुजीत से बात करवाएं, …..गाली के साथ धमकी भी पुनः बोला राकेश। सारी बाते दुहराई जो सुजीत से बोला था।
वही वाक्य पुलिस के साथ आ रहा हूं, पैसा लिया तो चुकाया क्यो नही….. वगैरह वगैरह।
अब मधु को समझ आ गया था , सुजीत का चुप्पी का कारण।
मधु ने अपनी आवाज तेज कर दी :- किस एसबीआई के ब्रांच से बोल रहे हो, भैया।
राकेश :- मै पुलिस के साथ आ रहा हूं।
मधु थोड़ी तेज आवाज में :- मैने वकालत कर रखी है, मैं तुम्हारी और तुम्हारे साथ आने वाले पुलिस की नौकरी खा सकती हूं, बाल बच्चे है न तुम्हारे?
राकेश :- सुजीत, पैसे क्यों नही देता बैंक को ?
मधु :- एसबीआई के नाम से कॉल कर रहे हो, थर्ड पार्टी एजेंट, सर्विस मैटर में कोर्ट से पहले पुलिस कब इनवॉल्ब होती है, मैं फिर से कह रही हूं तुम्हारी नौकरी खा सकती हूं।
अब तक सुजीत बालकनी से कूद कर जान देने की तैयारी कर रहा था, अब उसका दिमाग धीरे धीरे काम करना शुरू कर चुका था। अब वह मधु के पास खड़ा हो गया।
राकेश :- सुजीत पैसे क्यों नही देते ?
मधु:- किसने कहा पैसे नही देंगे, लेकिन अब तुम्हारी नौकरी खाऊंगी,और कही दूसरी जगह नौकरी नहीं कर सकते हो ऐसा बना दूंगी।
नया जीवन दान – हिंदी कहानी | Hindi Story | Kahani | Naya Jeevan Daan
अब गिड़गिड़ाने कि बारी राकेश की थी।
मै अपने सीनियर से बात करवाता हूं मैडम:- राकेश।
मधु:- हेलो…..। राकेश ने मोबाइल कॉल कट कर दिया।
अब किसी पर्सनल मोबाइल नंबर से कॉल आ रहा था।
मै धीरज बोल रहा हूं । मधु ने मोबाइल कॉल रिसीव किया।
मधु:- क्या आप एसबीआई के ब्रांच मैनेजर है?
नहीं :- सामने वाला बोला।
आप, एसबीआई स्टाफ के साथ आकर सेटल करे अपना बकाया, वह भी ऑफिस एड्रेस पर, घर पर नहीं।
मधु ने अपने बाबूजी से बात किया और उधार के रूप में एक लाख पचास हजार रूपया लिया। चार लाख बकाया में व्याज का रकम सुजीत ने नहीं दिया और प्रिंसिपल अमाउंट पर सेटल किया, साथ ही साथ बैंक को छ महीने के टुकड़ों में ईएमआई के तहत समझौता नामा किया। आगे से क्रेडिट कार्ड ना उपयोग करने कि कसम खाई।
बहुत दिन बाद सुजीत के चेहरे पर हंसी थी, मधु ने आज घर पर ही रसगुल्ला के साथ साथ समोसा भी बनाया था।
सरसो के साग के साथ चावल, आज आंनद के साथ पति पत्नी डिनर कर रहे थे।
सोने से पहले सुजीत ने मधु का ललाट को चूम लिया।
साथ ही कहा :- आई लव यू …गहरी मुस्कान के साथ बोला आपने मुझे नया जीवन दान दिया।।
समय निकाल कर पढ़ने के लिए आपका आभार।